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Nikshay Mitra

रोहतास पत्रिका/सासाराम: सदर अस्पताल स्थित जिला यक्ष्मा केंद्र में शनिवार को टीबी पीड़ित गरीब एवं जरूरतमंद पांच मरीजों के बीच निक्षय मित्र के तहत खाद्य सामग्री का वितरण किया गया। यक्ष्मा विभाग के डॉ कन्हाई महतो सहित डब्ल्यू एच ओ के बिहार मेडिकल कंसलटेंट डॉ राजीव एन सेथुमाधवन, रिदम पब्लिक स्कूल के निदेशक अरविंद कुमार, वार्ड 14 के वार्ड पार्षद बृजनंदन सिंह एवं समाजसेवी गोविंद कुमार ने निक्षय मित्र बनकर पांच टीबी मरीजों को गोद लिया है।

इनके द्वारा लगातार 6 महीने तक उक्त टीबी मरीज को पोषण आहार के रूप में खाद्य सामग्री उपलब्ध करायी जाएगी । इसी के तहत शनिवार को रोहतास के सिविल सर्जन की अध्यक्षता एवं जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार की देख रेख में कुल पांच टीबी मरीजों में खाद्य सामग्री का वितरण किया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ के एन तिवारी ने कहा कि यह सरकार की अच्छी पहल है। यदि टीबी पीड़ित मरीजों को गोद लिया जाए और थोड़ी सहायता की जाए तो हमलोग जिले से टीबी बीमारी को मिटाने में अहम योगदान निभा सकते हैं। सिविल सर्जन से कहा कि टीबी मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है। ऐसे में दवा के साथ साथ सही पोषन मिले तो वो टीबी बीमारी से लड़ने में मदद करेगा।

सिविल सर्जन सहित अन्य लोगों ने नए टीबी मरीज को लिया गोद

निक्षय मित्र बन टीबी मरीजों को पोषण सहायता उपलब्ध कराने के बाद सिविल सर्जन डॉ के एन तिवारी ने भी एक नए टीबी मरीज को गोद लेने की घोषणा की । उन्होंने कहा कि वो भी एक टीबी मरीज को गोद लेकर पोषण आहार के रूप में खाद्य सामग्री उपलब्ध करायेंगे। वहीं कार्यक्रम में मौजूद यक्ष्मा विभाग के वरीय यक्ष्मा प्रयोगशाला पर्यवेक्षक ज्ञानेंद्र कुमार ने भी एक नए टीबी मरीज को गोद लेने की घोषणा की। इनलोगों के द्वारा आगामी 24 मार्च को विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर टीबी मरीजों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।

कोई भी बन सकता है निक्षय मित्र

पोषण सहायता सामग्री वितरण कार्यक्रम में मौजूद जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ राकेश कुमार ने बताया कि यक्ष्मा उन्मूलन को लेकर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई है। इसके लिए सरकार द्वारा टीबी से पीड़ित मरीजों को पोषण के लिए सरकार द्वारा प्रतिमाह 500 की राशि प्रदान की जाती है। इसके अलावा सरकार द्वारा निक्षय मित्र कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। जिसके तहत समाज के सक्षम व्यक्तियों, जनप्रतिनिधियों, मुखिया, वार्ड पार्षद, विधायक, सांसद, सरकारी एवं निजी कार्यालय में कार्यरत लोग, एन जी ओ सहित सामाजिक कार्यकर्ता टीबी के मरीज को गोद ले कर उसके पोषण में सहयोग कर सकते है।

इस मौके पर सदर अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ कन्हाई महतो, कार्यकारी अधीक्षक सदर अस्पताल डॉ श्री भगवान सिंह मौजूद रहे। वहीं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला यक्ष्मा केंद्र के डीईओ शेखर कुमार श्रीवास्तव, डीपीएस आदित्य आकाश, एसटीएलएस शाहिद एहसान के अलावा विभाग की सुधा कुमारी, ममता कुमारी, राहुल कुमार, अशोक कुमार, अतुल कुमार सिन्हा, संजय श्रीवास्तव, मुन्ना कुमार सिंह, भोला कुमार, आशीष श्रीवास्तव का अहम योगदान रहा।

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Albendazole

रोहतास पत्रिका/सासाराम: 16 मार्च को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के पूर्व बुधवार को सासाराम फजलगंज स्थित डायट के अभ्यास विद्यालय में कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार एवं डीआईओ डॉ आर के पी साहू ने मध्य विद्यालय फजलगंज के बच्चों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर किया। कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए एसीएमओ डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि कभी कभी बच्चों के पेट मे कीड़े हो जाते हैं। जिससे बच्चों की पाचन क्रिया कमजोर हो जाती और धीरे धीरे बच्चे एनीमिया के शिकार हो जाते हैं। क्योंकि पेट मे मौजूद कृमि शरीर में मौजूद खून को अपना भोजन बनाते हैं। उन्होंने बताया कि अल्बेंडाजोल की एक खुराक कृमि से मुक्ति दिलाता है। एसीएमओ ने बताया कि 16 मार्च को पूरे जिले में एक साथ कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी और 1 से 19 आयु वर्ग वाले बालक बालिकाओं को दवा खिलाई जाएगी। वहीं 16 मार्च को छूटे हुए बच्चों को 20 मार्च को मॉप अप दिवस पर अल्बेंडाजोल की खुराक खिलाई जाएगी।

जिले में 16.90 लाख बच्चों को खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोल की खुराक

कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम में रोहतास जिले में 16 लाख 90 हज़ार 675 से अधिक बच्चों को अल्बेंडाजोल की खुराक खिलाई जाएगी। जिसमें 1 से 2 वर्ष के बच्चों को अल्बेंडाजोल की आधी गोली खिलाई जाएगी, जबकि 3 वर्ष से अधिक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। यह गोली स्वास्थ्यकर्मी अपने सामने खिलाएंगे। इसके लिए जिले के सभी 3236 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 9 लाख 35 हज़ार 13 अल्बेंडाजोल की गोली उपलब्ध करा दी गई। वहीं सरकारी एवं निजी विद्यालयों में 7 लाख 37 हज़ार 662 अल्बेंडाजोल की गोली उपलब्ध कराई गई है।

शत-प्रतिशत बच्चों को दवा खिलाने के रखा गया लक्ष्य

डीआईओ डॉ आर के पी साहू ने कहा कि जिले में शत प्रतिशत बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकारी स्कूल, निजी स्कूल, केंद्रीय विद्यालय एवं इंजीनियरिंग कॉलेज के बच्चों को दवा खिलाई जाएगी। वहीं ज़िला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार ने कहा कि सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य को बच्चों को दवा खिलाने के लिए दिशा निर्देश दे दिया गया है। 16 मार्च को सभी विद्यालयों के बच्चों को शत प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने के लिए भी निर्देश जारी कर दिया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीपीसी संजीव मधुकर ने की । मौके पर डीपीएम अजय कुमार, डीसीएम चन्दा कुमारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएचएम प्रवीण कुमार, बीसीएम ममता कुमारी, यूनिसेफ के एसएमसी असजद इकबाल सागर, दिवाकर पाठक, एडीपीसी राजदेव प्रसाद,एपीओ जियाउल हक, एपीओ रामभजन राम, मध्य विद्यालय फजलगंज के प्रधानाचार्य मनोज कुमार, कृमि विभाग के चंद्रभान दुबे, डीपीएम जीविका सहिय अन्य मौजूद रहे।

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Suman

रोहतास पत्रिका/सासाराम: मातृ- शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार द्वारा लगातार नए-नए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं । इन कार्यक्रमों से मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी के अप्रत्याशित लाभ भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में इस तरह के कार्यक्रमों को और अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है। मातृ शिशु मृत्यु दर में और कमी लाने को लेकर सरकार द्वारा सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” योजना संचालित है। जिसके तहत गर्भवती महिलाओं के साथ साथ प्रसव के 6 महीने तक धात्री महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के अलावा 0 से लेकर 6 वर्ष के बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया गया है। जैसा कि हम जानते हैं कि प्रसव के पूर्व और प्रसव के बाद माता और शिशुओं को अत्यधिक देखभाल की आवश्यकता होती है।

उचित देखभाल और सुविधा के अभाव में कई गर्भवती महिलाएं अपनी जान खो देती हैं । गर्भवती महिलाओं की होने वाली इसी मृत्यु को रोकने के लिए सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिला एवं धात्री महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं फ्री में प्रदान करनी है। सुमन योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के 6 माह बाद तक फ्री में स्वास्थ्य लाभ दिया जाएगा। किसी महिला के अस्पताल में आने के बाद उसे प्रशिक्षित नर्स की निगरानी में लाया जाएगा और उसके तथा उसके शिशु के स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी।

सुमन योजना के तहत मिलेगी कई सुविधाएं

गर्भवती महिलाओं के साथ साथ धातृ महिला व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को लेकर केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ धात्री महिलाओं और नवजात शिशुओं को कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। योजना के अंतर्गत आयरन फोलिक एसिड सप्लीमेंट कराने की पूरी जिम्मेवारी अस्पताल की होगी। इसके अलावा महिला के गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार की जटिलता की स्थिति में सी सेक्शन की फ्री सुविधा प्रदान करना, गर्भावस्था और शिशु के पैदा होने के बाद पूरी देखभाल करना, महिला को घर से अस्पताल तक निःशुल्क परिवहन सुविधा प्रदान करना, आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं का प्रसव से पूर्व होने वाली टेस्ट का खर्च वहन करने के अलावा केंद्र सरकार, प्रसव नार्मल अथवा ऑपरेशन होने पर अस्पताल के सभी खर्च का भुगतान करेगी। साथ ही सरकार प्रसव के बाद 6 महीने तक बच्चों, महिला के लिए दवाइयों का इंतजाम करेगी। प्रसव में किसी तरह की परेशानी होने पर उपचार की आवश्यकता होने पर सरकार सभी खर्च का भुगतान करेगी। इसके अलावा भी कई सुविधाएं शामिल हैं।

गर्भवती महिला व नवजात की जान बचाना मुख्य मकसद

डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि सुविधाओं के अभाव में अथवा गर्भावस्था के दौरान उचित खान-पान नहीं मिलने से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य बुरा असर पड़ता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं की जान भी चली जाती है। इसके लिए सरकार ने सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” योजना की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत गर्भावस्था से प्रसव 6 महीने बाद तक निःशुल्क स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया जा रहा है। डीपीसी ने बताया कि इस योजना के तहत अस्पतालों या प्रशिक्षित नर्सों की निगरानी में महिलाओं का प्रसव कराया जा रहा एवं मां और उसके बच्चे के स्वास्थ्य की उचित देखभाल की जा रही है।

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Sadar Hospital

रोहतास पत्रिका/सासाराम: देश से कुष्ठ उन्मूलन को लेकर लगातार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसको लेकर राज्य स्तर से जिला स्तर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके लोगों को कुष्ठ के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। इसके उन्मूलन को लेकर भी उन्हें जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा कुष्ठ रोगियों की पहचान करके उनका समय से इलाज कर कुष्ठ को जड़ से मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के तहत सासाराम सदर के ओपीडी स्थित सभाकक्ष में दो दिवसीय कुष्ठ प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कुष्ठ प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए कुष्ठ नियंत्रण केंद्र के नोडल अधिकारियों को कुष्ठ की पहचान करने की जानकारी दी गई। दो दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में डीएफआईटी की तरफ से आए उमेश खरकर ने सभी प्रखण्ड के नोडल अधिकारियों को कुष्ठ की पहचान एवं लक्षण के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति के शरीर पर अचानक आए दाग एवं सुन्नपन की कैसे पहचान करें कि यह कुष्ठ की बीमारी है।

प्रखंड स्तर पर रोगी की पहचान कर जिला कुष्ठ नियंत्रण केंद्र भेजा जाता

जिला कुष्ठ नियंत्रण केंद्र में कार्यरत फिजियोथैरेपिस्ट एवं सहायक चिकित्सक जय प्रकाश राजभर ने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में कुष्ठ रोग को लेकर प्रखंड स्तर पर नोडल अधिकारी बनाए गए हैं जो कुष्ठ रोग की पहचान कर कुष्ठ के लक्षण दिखने वाले व्यक्तियों को सासाराम सदर अस्पताल स्थित जिला कुष्ठ नियंत्रण केंद्र के लिए रेफर करते हैं। जहां पर उक्त लोगों का जांच करके कुष्ठ रोग की पुष्टि की जाती है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग की पुष्टि होने पर कुष्ठ पीड़ितों को निःशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही साथ कुछ एक्सरसाइज बताए जाते हैं जिससे कुष्ठ रोग पर नियंत्रण पाया जा सके।

कुष्ठ रोगियों की पहचान जरूरी

जिला कुष्ठ नियंत्रण पदाधिकारी सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि कुष्ठ उन्मूलन को लेकर सबसे जरूरी है रोगी की पहचान करना। उन्होंने बताया कि जिले में लगातार खोजी अभियान के माध्यम से कुष्ठ पीड़ित लोगों को खोजा जा रहा है, ताकि उनका समय से इलाज करके कुष्ठ बीमारी पर लगाम लगायी जाए। एसीएमओ ने यह भी बताया कि कुष्ठ रोग को लेकर लोगों में जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं । साथ ही साथ लोगों से अपील की जा रही है कि कुष्ठ पीड़ित मरीजों के प्रति नकरात्कम सोच न रख कर सकारात्मक सोच रखें और उन्हें उचित सलाह देकर इलाज कराने के लिए प्रेरित करें। मौके पर कुष्ठ नियंत्रण केंद्र के वीर कुमार सिंह भी मौजूद रहे ।

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Health Department

रोहतास पत्रिका/सासाराम: राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत सासाराम नगर निकाय के सदस्यों एवं पदाधिकारियों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन फजलगंज स्थित निजी होटल में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह एवं जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ आरकेपी साहू ने किया| इसके पूर्व जिला शहरी स्वास्थ्य सलाहकार तारिक अनवर ने मुख्य अतिथियों को पौधा प्रधान करके उनका स्वागत किया।

कार्यशाला में आए सासाराम नगर निगम के वार्ड पार्षदों एवं उनके प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के बारे में बताते हुए एसीएमओ डॉ अशोक कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा इस मिशन की शुरुआत की गयी है। जिसका मुख्य मकसद शहरी क्षेत्रों के झुग्गी, झोपड़ी, मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचायी जाए।

उन्होंने बताया कि शहरी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लोगों को कई सारी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। सासाराम शहरी क्षेत्र में बौलिया, तकिया एवं सागर में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर ओपीडी एवं प्राथमिक स्वास्थ्य के साथ-साथ निःशुल्क दवा की उपलब्धता, गर्भवती माता की प्रसव पूर्व जांच और धात्री माता की प्रसव पश्चात जांच की सेवाएं, संपूर्ण टीकाकरण सेवाएं, स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित सलाह परामर्श एवं रेफरल की सुविधा उपलब्ध हैं।

इसके अलावा उच्च जोखिम वाली बीमारियों की पहचान और समय पर रेफरल का प्रबंधन करना, उचित परिवार नियोजन के तरीकों और संबंधित वस्तुओं के वितरण के लिए रोगियों को परामर्श ,टीबी की पहचान एवं परामर्श, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर आदि लोगों की पहचान परामर्श के अलावा आरटीआई/एसटीआई मामलों की पहचान, परामर्श के अलावा एनीमिया की पहचान, प्राथमिक उपचार, परामर्श तथा बेसिक पैथोलॉजी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने सभी वार्ड सदस्य एवं प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि अपने क्षेत्र के लोगों को इन सेवाओं के प्रति जागरूक करते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचाएं।

25 हज़ार रुपये का टीका मुफ्त

वहीं जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ आरकेपी साहू ने मौजूद जनप्रतिनिधियों को बताया कि जन्म से 5 साल के बच्चों को 12 विभिन्न जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए कई प्रकार के टीके लगाए जाते हैं, जो पूरी तरह से निःशुल्क होते हैं। उन्होंने बताया कि इन टीकों को यदि प्राइवेट अस्पतालों में लिया जाए तो 25 से 30 हज़ार रुपए खर्च करने पड़ते हैं। जबकि वहीं सभी टीका सरकारी अस्पतालों में पूरी तरह से निःशुल्क दिए जाते हैं।

डीआईओ ने कहा कि शहरी प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा सभी वार्डों में मौजूद आंगनबाड़ी केंद्रों में नियमित टीकाकरण प्रत्येक सोमवार और बुधवार को किया जाता है। सरकारी नर्सों को समय समय पर प्रशिक्षित किया जाता है इस तरह से सरकारी नर्स काफी प्रशिक्षित होती हैं। उन्होंने बताया कि आज भी टीकाकरण को लेकर कहीं-कहीं लोगों में जागरूकता की कमी देखी जा रही और लोगों को जागरूक करने में जनप्रतिनिधि अहम भूमिका निभा सकते हैं।

जनप्रतिनिधियों को स्वास्थ्य सुविधा की दी गई जानकारी

पीसीआई इंडिया के प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन लीड अजय कुमार ने वहां मौजूद जनप्रतिनिधियों को राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के बारे में विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन सरकार द्वारा संचालित एक महत्वकांक्षी योजना है जो सामान्य रूप से मिशन का लक्ष्य शहरी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार विशेषकर स्लम, प्रवासी और बेघर कमजोर गरीब आबादी को गुणवत्तापूर्ण बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है।

उन्मुखीकरण कार्यक्रम में आए सभी वार्ड सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया। मौके पर जिला शहरी स्वास्थ्य सलाहकार तारिक अनवर, पीएसआई इंडिया के फील्ड प्रोग्राम कॉर्डिनेटर प्रियेश कुमार तिवारी, वार्ड 11 के वार्ड पार्षद शैलेश कुमार, वार्ड 40 के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि आनंद जयशवाल, वार्ड 7 के वार्ड पार्षद अमित कुमार, वार्ड 44 के वार्ड पार्षद सरोज कुमार गुप्ता के अलावा अन्य वार्ड पार्षद एवं प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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