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IIM काशीपुर ने अपने प्रमुख दो वर्षीय MBA (2021-2023 बैच), MBA  एनालिटिक्स, एग्जीक्यूटिव एमबीए और डॉक्टरल कार्यक्रम के लिए अपने 10वें दीक्षांत समारोह की मेजबानी की। संस्थान ने बीते शनिवार को संपन्न हुए दीक्षांत समारोह में कुल 353 छात्रों को डिग्री प्रदान की, जिनमें 9 डॉक्टरल और 344 एमबीए स्नातक शामिल हैं। मुख्य अतिथि द्वारा शीर्ष प्रदर्शन करने वाले 07 छात्रों को संस्थान पदक और 01 छात्र को सर्वश्रेष्ठ आल राउंड प्रदर्शन पदक से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, 13 एमबीए छात्रों और 3 एमबीए (एनालिटिक्स) छात्रों को डायरेक्टर्स मेरिट लिस्ट से सम्मानित किया गया।

37 लाख रुपये सालाना का पैकेज 

IIM काशीपुर ने इस वर्ष INR 37 LPA के उच्चतम पैकेज के साथ 100% प्लेसमेंट हासिल किया है। बैच 2021-23 का औसत CTC 19% की सालदरसाल (YOY) वृद्धि के साथ INR 18.11 LPA है। 2022 में 77 महिला छात्रों की प्लेसमेंट की तुलना में 2023 में 91 महिला छात्रों की प्लेसमेंट अनुपात में 18% की वृद्धि हुई है। रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड, एचएसबीसी, ब्लूमबर्ग, ट्रेसविस्टा, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, ईएक्सएल एनालिटिक्स, ईवाई, गार्टनर, थेमैथको, नोमुरा, एचएसबीसी, मॉर्गन स्टेनली, बैंक ऑफ अमेरिका, सोसाइटी जेनरेल, इंवेस्को सहित लगभग 150 कंपनियों ने 2023 के प्लेसमेंट मुहीम में हिस्सा लिया। आईटी और एनालिटिक्स, बीएफएसआई, रिटेल और ईकॉमर्स सेक्टर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में  छात्रों को परामर्श, वित्त, विपणन और बिक्री, संचालन, एनालिटिक्स और एचआर की भूमिकाओं में नौकरी की ऑफर मिली।

मुख्य अतिथि ने कही ये बात

एनसीडीईएक्स ईमार्केट्स लिमिटेड के एमडी और सीईओ मृगांक परांजपे ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि स्नातक करने वाले छात्रों के लिए आज का दिन एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि वे अपने जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं। आईआईएम काशीपुर अकादमिक उत्कृष्टता के लिए अपनी प्रतिबद्धता और आज के गतिशील कारोबारी माहौल में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान को विकसित करने के लिए प्रसिद्ध है। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्नातक वर्ग अपने संबंधित क्षेत्रों में बड़ी सफलता हासिल करेगा, और मैं उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

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अंकित कुमार सिंह:- इन दिनों सिनेमाघरों में आर माधवन  निर्देशित फ़िल्म ‘रॉकेट्री’ बहुत लोकप्रिय हो रही है। यह फ़िल्म महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक नम्बी नारायणन की सफलता की कहानी को बताती है। ISRO ऐसे प्रयोग करता रहता है जो आम आदमी की जिंदगी में बदलाव तो लाता है, लेकिन उन्हें उनकी कहानी नहीं मालूम होती है। आइए आज ISRO के ‘नाविक’ की कहानी जानते हैं।

तो क्या है -‘नाविक’ ?

हमसबों ने रोज़मर्रा की जिंदगी में जीपीएस का प्रयोग तो देखा ही होगा। कही जाना हो तो जीपीएस का प्रयोग।कही से खाना मंगवाना हो तो जीपीएस का प्रयोग।आपको पता है, जिस जीपीएस का प्रयोग हम कर रहे है, वो हमारा नहीं है। जीपीएस अमेरिका की वैशिक नौवहन सेवा है। ठीक उसी प्रकार भारत ने अपनी क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली(IRNSS) को बनाने में सफलता पाई है। जिसे इसरो ने बनाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका नाम भारतीय मछवारों को समर्पित करते हुए इसका नाम ‘नाविक’ रखा है। यह भारत सरकार के पूर्णत आधीन रहनेवाला  क्षेत्रीय स्वायत नौवहन उपग्रह प्रणाली है। अमेरिका ,रुस, चीन के बाद यह प्रणाली विकसित करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है।

‘नाविक’ बनानें की प्रेरणा कहा से आई?

1999 के कारगिल युद्ध के समय भारतीय सेना को दुश्मनों के सही पोजीशन की जानकारी नही मिल पा रही थी। प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमेरिका से स्ट्रैटजिक लोकेशन देने की मांग की। अमेरिका ने उनके अनुरोध को मना कर दिया। उसी समय से नाविक के विकसित होने की पटकथा की शुरुआत हो चुकी थी। भारतीय वैज्ञानिकों ने तभी से इसे विकसित करने के लिए अपने को तैयार कर लिया था।

‘नाविक’ काम कैसे करता है?

यह 8 उपग्रहों का समूह है। जिसकी मदद से यह 5 मीटर तक की स्थिति सटीकता वाले सभी उपयोगकर्ताओं को मानक पोजिशनिंग सेवा प्रदान करता है। नाविक दोहरी आवृति वाले  एस और एल बैंड है। इस कारण यह मानक स्थिति निर्धारण सेवा दे पाता है।इसके रखरखाव के लिए 18 केंद्र बनाए गए हैं।

कौन बेहतर है नाविक या जीपीएस?

जीपीएस 24 उपग्रहों का समूह है।जीपीएस वैश्विक नेविगेशन सिस्टम है।इसके लोकेशन देने की क्षमता का विस्तार अधिक है। जीपीएस की नज़र धरती के चप्पे-चप्पे पर होती है। नाविक एक क्षेत्रीय नेविगेशन सिस्टम है।इसकी नौवहन क्षमता की एक सीमा निर्धारित है। इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि नाविक भारत की देशज तकनीक है।अब युद्धों के समय स्ट्रेटेजिक लोकेशन के लिए हमारी निर्भरता दूसरे देशों से ख़त्म हो गयी हैं।क्षेत्रीय स्तर पर इसकी सटीकता ज्यादा कारगर होगी। इसकी सेवा आम आदमी के साथ -साथ भारतीय सेना के लिए भी कारगर होगी। कुछ सेवाओं की सुविधा सिर्फ अधिकृत अधिकारियों तथा विभागों को होगी,जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत उपयोगी होगी।

अब जान लेते है नाविक का प्रयोग कहाँ-कहाँ होता है?
1. नक्शा तैयार करने में।
2. जिओडेटिक आंकड़े जुटाने में।
3. समय का बिल्कुल सही पता लगाने के लिए।
4. वाहनों का पता लगाने के लिए।
5. हवाई तथा समुद्री नौवहन के लिए।
6. चालकों के लिए।

क्या ‘नाविक’ आम लोगों के लिए उपलब्ध है?

अभी यह आम उपयोग में बहुत प्रचलित नहीं है।इसका एक मजबूत कारण यह है कि नाविक समर्थित हार्डवेयर का उपलब्ध नहीं होना।हमे ऐसे उपकरणों की ज़रूरत है जो नाविक समर्थित हो।साल 2019 से मोबाइल प्रोसेसर बनाने वाली कंपनियों और इसरो के बीच समझौता होता आ रहा है।धीरे-धीरे नाविक समर्थित उपकरण बाज़ार में आने लगेगा।

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में शाम 5 बजे बादल फटने की सूचना मिली है. ये बादल अमरनाथ गुफा के समीप फटा है. जानकारी के मुताबिक, हादसे में तक़रीबन 15 लोगों की मौत हो गई है और कई लोगों के लापता होने की सूचना है. मौके पर NDRF, SDRF और ITBP की टीम बचाव और राहत के कार्यों में जुटी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज तकरीबन 8-10 हजार तीर्थयात्री अमरनाथ पहुँचे थे. गुफा के नज़दीक ही तक़रीबन 30-40 टेंट हाउस थे जो कि बहाव में बह गए. प्रत्येक टेंट में चार-पांच लोग रहते हैं. यही लोग बहाव के चपेट में आए हैं

कितने लोग लापता है कोई आँकड़ा नहीं

NDRF के डीजी ने बताया कि शाम को सूचना मिली की अमरनाथ गुफा के नज़दीक बादल फटा है. कई टेंट हाउस बह गए हैं, कितने लोग लापता है अभी हमारे पास कोई फ़िक्स आँकड़ा नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि ऊँची पहाड़ी होने के कारण बचाव और रेसक्यू करने में चुनौतियों को सामना करना पड़ रहा है. हालांकि हमारे जवान इन कार्यों में कुशल है तो उन्हें कोई ज़्यादा परेशानी नहीं होगी. वहीं NDRF के डीजी ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. अमरनाथ श्राइन बोर्ड के साथ कोआर्डिनेट करते हुए काम कर रहे है. इस क्षेत्र में नेटवर्क की दिक़्क़त है जो हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है . हम लाउडस्पीकर के ज़रिए हमें लोगों को बता रहे हैं कि आप लोग सुरक्षित स्थान पर चले जाए.

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को लेकर दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि “श्री अमरनाथ गुफा के पास बादले फटने से व्यथित हूं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति में संवेदनाएं है. उपराज्यपाल मनोज सिंहा ने हालात का जायजा लिया है. राहत और बचाव के कार्य जारी है. प्रभावित लोगों को हर संभव मदद की जाएगी.”

गृहमंत्री अमित शाह ने कुशलता की कामना

गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा “बाबा अमरनाथ के पास बादल फटने से  आयी फ़्लैश फ्लड के संबंध में मैंने उपराज्यपाल श्री मनोज सिंहा जी से बात कर स्तिथि का जानकारी ली है. NDRF, CRPF, BSF और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में लगे हैं. लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है. सभी श्रद्धालुओं की कुशलता की कामना करता हूँ.”

 

NDRF

11-23438252

011-23438253

Kashmir Divisional Helpline:

0194-2496240

Shrine Board Helpline:

0194-2313149

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अंकित कुमार सिंह : जापान के पूर्व प्रधानमंत्री “शिंजो आबे” को नारा शहर में एक सड़क पर सभा करने के दौरान बहुत बेरहमी से गोली मार दी गई. शिंजो आबे को दो गोलियां मारी गई है. एक उनके सीने में लगी है, तो दूसरी गोली पीछे से उनके गर्दन पर लगी है. गोली लगने के तुरंत बाद तत्काल में शिंजो को सीपीआर देकर जान बचाने की कोशिश की गई, लेकिन जापानी मीडिया के मुताबिक़ उनके शरीर का बहुत से महत्वपूर्ण अंग काम करना बंद कर चुका था. इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.

जापानी मीडिया के मुताबिक शिंजो आबे अपनी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक के उम्‍मीदवार का प्रचार करने के लिए नारा शहर पहुंचे थे. रैली के दौरान शिंजो आबे भाषण दे रहे थे. इसी दौरान हमलावरों ने पीछे से दनादन गोलियां बरसा दी. जिसके बाद शिंजो नीचे गिर गए, उनके गर्दन से बहुत खून बहने लगा. उनके सुरक्षा में बहुत सारे सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद थे, लेकिन वो उस अचानक हमले को रोकने में असमर्थ रहे. हालांकि हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

जापान के सबसे लोकप्रिय नेता थे आबे

शिंजो आबे जापान के सबसे लोकप्रिय नेता थे. इसके साथ ही वो जापान के सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले व्यक्ति भी थे.  शिंजो पहली बार 2006 में प्रधानमंत्री बने लेकिन 2007 में स्वस्थ ठीक न होने के कारण इस्तीफा दे दिया. वो दोबारा 2012 में फिर से प्रधानमंत्री बने उसके बाद लगातार 2020 तक बने रहे. फिर 2020 में ही स्वस्थ कारणों का हवाला दे कर के उन्होंने फिर से इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री ना होते हुए भी सत्तारूढ़ पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक में काफ़ी प्रभाव था.

शिंजो आबे के दौर में भारत को मिला बुलेट ट्रेन

शिंजो का भारत से बहुत अच्छे संबंध रहे हैं. वो सबसे ज्यादा बार भारत आने वाले जापानी प्रधानमंत्री थे. वो अब तक पीएम रहते हुए कुल 5 बार भारत आ चुके थे। पहली बार वो 2006 में पीएम बनने के बाद भारत आए थे. उसके बाद 2012, 2015, 2017, 2021 में आए थ. उन्होंने भारत में बहुत सारे उद्घाटन समारोह में भी हिस्सा लिया . 2017 में जब शिंजो भारत आये थे, तो वो पीएम मोदी के साथ अहमदाबाद में साबरमती आश्रम घूमे उसके बाद भारत को पहली बुलेट ट्रेन बनाने के लिए आर्थिक, और तकनीकी सहयोग देने का वादा किया था.

जापान में गन क़ानून सख़्त 

जापान का गन कानून पूरी दुनियां में सबसे सख़्त माना जाता है. यहां की आबादी लगभग साढ़े 12 करोड़ के आस पास की है. एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां सबसे कम लोग गन से मारे जाते हैं. जापान में गन का लाइसेंस मिलना बहुत जटिल और लंबी प्रक्रिया है. ऐसे गोली कांड के बाद तो अब वहां के गन कानून के ऊपर भी सवाल उठ सकते हैं. हालांकि आपको बता दें,  जिस बंदूक से शिंजो आबे के ऊपर गोली चली है वो एक शॉर्ट गन थी, और उसे लोकल बाज़ार में बनाया गया था.

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दिल्ली: साउथ कोरिया के योसु शहर में मिसेज यूनिवर्स डिवाइन कॉन्टेस्ट का आयोजन 22 जून से 30 जून तक किया गया था. इस कॉन्टेस्ट में पल्लवी सिंह ने धूम मचा दिया, पल्लवी ने मिसेज यूनिवर्स डिवाइन का ख़िताब अपने नाम किया है. जो देश के कोने-कोने में चर्चा का विषय बना हुआ है. विश्व स्तरीय मिसेज यूनिवर्स कॉन्टेस्ट के इस प्रतियोगिता में भारत और एशिया के रिलायंस जनरल में कार्यरत श्री कुंषाल सिंह की पत्नी एक मात्र प्रतियोगी थी.

दिल्ली विश्वविद्यालय से पुराना रिश्ता

पल्लवी सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय के अरविंदों कॉलेज से अपनी स्नातक की पढ़ाई पुरी की है. अरविंदों कॉलेज के छात्र संगठन की प्रेसिडेंट भी रह चुकी है. उन्होनें अपनी कैरियर की शुरूआत रिलायंस कंपनी से की थी. इसके बाद देश के कई कंपनियों में उन्होंने अपना योगदान दिया. पल्लवी को 2021 में रिलायंस इंश्योरेंस में उन्हें ‘बेस्ट बिजनेस वुमेन ऑफ द ईयर’ का अवॉर्ड भी दिया गया था. पल्लवी लगातार अपने कैरियर में चार चाँद लगाती रही हैं.

ख़िताब जितने के बाद पल्लवी ने क्या कहा?

मिसेज यूनिवर्स डिवाइन का ताज अपने नाम करने के बाद पल्लवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि महिलाओं के लिए एक सकारात्मक संदेश जाएगा. महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. आगे उन्होंने आगे बताया कि मेरी माँ महिलाओं के लिए कार्य करती है. वो पल्लवी को हमेशा आगे बढ़ते हुए देखना चाहती हैं. वे कहती हैं कि तूम आगे बढ़ो. मैं तुम्हारे साथ हूं. पल्लवी का मानना है कि अगर वह इस जगह पर पहुँची हूँ तो उसके पीछे उनकी माँ का अहम योगदान रहा है.

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